आरएसएस के शताब्दी समारोह पर भारत सरकार की ऐतिहासिक पहल

-: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ :-

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ आज विजयादशमी के महान अवसर पर अपनी स्थापना का शताब्दी वर्ष मना रहा हे ! भारत सरकार ने भी आरएसएस के सौ वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर स्मृति चिन्ह के रूप में एक सौ रुपये का डाक टिकट और सौ रुपये का शुद्ध चांदी का सिक्का जारी कर संघ के शताब्दी वर्ष को ऐतिहासिक बनाने का काम किया हे।

भारत के इतिहास में यह पहली बार हे कि सरकार द्वारा जारी किये गए सिक्के पर एक और राष्ट्रीय चिन्ह हे तो दूसरी और भव्य रूप में सिह पर विराजित भारत माता का चित्र हे जिसकी स्वयंसेवक स्तुति करते हुए दर्शाया गया हे ! राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना सन् 1925 में विजयादशमी के दिन डा बलिराम हेडगेवार जी द्वारा मानवीय सेवा और अखंड भारत बनाने के महान उद्देश्य को लेकर की गई थी ! राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ आज विजयादशमी पर अपनी स्थापना के सो बरस पूर्ण कर रहा हे यह पल हर भारतवासी के लिए बड़े गर्व का हे कि वह संघ के शताब्दी वर्ष का गवाह बना हे।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ न अपनी सो बरस की यात्रा में कई तरह के उतार चढाव देखे और अलग अलग मानसिकता वाली राज्य सरकारों और राजनीती से जुड़े लोगो ने आरोप भी बहुत से लगाये और संघ के हर छोटे बड़े सेवक को यातनाये भी बहुत दी लेकिन “सत्यम वदम धर्मम चर ” के अपने सिधांत को अपनाते हुए आरएसएस के कार्यकर्ता रुके नही बल्कि अपने लक्ष्य की और चलते रहे जिसकी परिणिति यह हे कि राष्ट्रिय स्वयमसेवक संघ न केवल भारत देश का बल्कि आज विश्व का सबसे बड़े सामाजिक संगठन बन चूका हे।

अपने सो बरस के सफ़र में आरएसएस अपने कार्यकर्ता के समर्पण ,त्याग और अनुशासन के बल पर आज एक वटवृक्ष बनकर दुनिया के अस्सी से ज्यादा देशों में फैल चुका हे ! देश में जब जब भी विपदाये आई तब तब सरकार से पहले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ता निस्वार्थ भाव से अपनी जान की प्रवाह किये बिना विपदाओ में उम्मीदों का सहारा बनकर खड़े हुए हे ।

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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के द्वारा किये गए कार्यो की विपक्ष के नेता तक खुले मन से प्रशंसा करते थे ! देश में जब भी कही भीषण बाढ़ आई हो सुखा पड़ा हो या भूकम्प से त्रासदी हुई हो या फिर कोई गम्भीर बीमारी ही क्यों न फेली हो राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का कार्यकर्ता देश में आई हर विपदा में सबसे पहले सहारा बनकर खड़ा होता हे और बिना जाती धर्म पूछे अपनी जान की बाज़ी लगाकर सेवा कार्यो में जुट जाता हे।

रएसएस के कार्यकर्ता बिना सरकारी सहायता के अपने स्वयं सेवकों और समाज के बूते आपदा पीड़ित लोगो के भोजन , वस्त्र और इलाज तक उचित प्रबंध करवाते हे ! आरएसएस देश को जोड़ने वाला मजबूती प्रदान करने वाला संगठन हे जो बिना जाती धर्म का भेद किये देश के हर वर्ग और समाज के विकास में सहयोग प्रदान करता हे।

भारतीय राजनीति के कुछ अवसरवादी सत्ता स्वार्थी राजनीति से जुड़े नेताओ ने अपने वोट बेंक की राजनीति के चक्कर में देश को जातियों में बाटकर आरएसएस को देश विरोधी संगठन बताने से भी गुरेज नही किया हे। वर्तमान मे राजनीति से जुड़े कुछ तथाकथित राजनेताओ ने आरएसएस को केवल हिन्दुओ का संगठन बताकर कर देश में आरएएस की छवि मुस्लिम व अन्य धर्म विरोधी गढ़ने के लिए आरएसएस के खिलाफ आए दिन जहर उगला करते हे।

बेकोल आरएसएस एक हिंदुत्ववादी विचारधारा वाला संगठन है जिसका महान उद्देश सभी धर्म और जाति के लोगों में राष्ट्र प्रेम की भावना जागृत कर राष्ट्र को एकजुट कर मजबूती प्रदान करना हे ! आरएसएस की विचारधारा के विरोधी जो भी लोग आज राजनीति मे मौजूद होकर जात पात की राजनीति करते हैं उन्हें देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित नेहरू ओर लाल बहादुर शास्त्री जी से सीखना चाहिए कि उन्होंने देश हित के कार्यों मे आरएसएस की दलगत राजनीति से ऊपर उठकर समय समय पर तारीफ भी की है।

भारत चीन युद्ध के दौरान 26 जनवरी 1963 को देश के प्रथम प्रधानमंत्री श्री जवाहरलाल नेहरू ने तो राजनीति से ऊपर उठकर आरएसएस की देशभक्ति को देखते हुए आरएसएस को नियंत्रित कर देश के राजपथ पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ताओ की ऐतिहासिक परेड तक करवा दी थी। भारत आज दुनिया की तीसरी बड़ी आर्थिक महाशक्ति कहलाने वाला राष्ट्र बन गया हे ! जब देशवासी अपने देश की तरक्की की बाते सुनते हैं तो बेशक बड़ी ख़ुशी और गर्व होता हे।

भारत की इस विकास यात्रा में केंद्र व राज्यों की सरकारों के साथ साथ देश के नागरिकों का भी अपना अथाह योगदान है तभी तो आज हम दुनिया की तीसरी बड़ी महाशक्ति बनकर आज उभरा हे ! भारत की विकास यात्रा में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की भूमिका भी महती रही है जिसे नकारा नही जा सकता है।

बेशक कुछ संघ विरोधी विचारधारा वाले लोगों को देश के विकास यात्रा में संघ का योगदान उन्हें अचरज भरा भी लगे किंतु राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के योगदान को यह देश कभी भुला नही पायेगा ! राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ सर संघचालक श्री मोहन भागवत देश के सभी वर्गों ओर धर्मों के प्रमुखों के साथ मिलकर संघ के प्रति राजनीतिक दलों द्वारा जो दूषिता फेलाई गई थी उसे बहुत हद तक दूर कर संघ के सच्चे राष्ट्रहित के उद्देश से परिचय करवाकर अन्य धर्मों को भी संघ कि विचारधारा से जोड़ने का कार्य किया जा रह हे ।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ सरसंघचालक श्री मोहन भागवत की अगुवाई मे और भारत सरकार के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सानिध्य में देश आरएसएस का सो वां जन्मोत्सव आज विजयादशमी को मना रहा है ! समूचा देश उस ऐतिहासिक पल का साक्षी बनकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के शताब्दी वर्ष को पुरे हर्षोल्लास से मना रहा और देश के विकास में संघ की भूमिका से नवपीढ़ी को परचित भी करवा रहा हे।

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